UP POLICE TRAINING SYLLABUS कुछ महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन हम पूर्व में दिए गए PART-2 और PART-3 में कर चुके है अब बचे हुए विषयों का अध्ययन हम इस PART में करेंगे।
UP POLICE TRAINING SYLLABUS के 3 विषयों की जानकारी हम पूर्व में दिए गए लेख में कर चुके हैं आज हम आपको UP POLICE TRAINING SYLLABUS चतुर्थ प्रश्न पत्र की जानकारी उपलब्ध कराएंगे जिसमें भारतीय संविधान मानवाधिकार एवं लैंगिक संवेदनशीलता, पुलिस आचरण व व्यवहार तथा संवाद कौशल है यदि आप भी UP POLICE TRAINING SYLLABUS में रुचि रखते हैं तो आप हमारे इस लेख को ध्यान से पढ़ सकते हैं –
Table of Contents
UP POLICE TRAINING SYLLABUS PART-5
UP POLICE TRAINING SYLLABUS के अंतर्गत भारतीय संविधान व मानवाधिकार
भारतीय संविधान – भारतीय संविधान एवं उसकी प्रमुख विशेषताएं, मौलिक अधिकार, पुलिस के अधिकारों पर निरबंधन, पुलिस के मौलिक कर्तव्य, जनहित याचिका, माननीय राष्ट्रपति, माननीय राज्यपाल , माननीय न्यायाधीश, माननीय सांसद एवं माननीय विधायक के विशेषाधिकार – माननीय राष्ट्रपति के विशेषाधिकार, माननीय राज्यपाल के विशेषाधिकार, माननीय न्यायालय के न्यायाधीश के विशेषाधिकार, माननीय सांसद के विशेषाधिकार, माननीय विधायक के विशेषाधिकार इत्यादि।
![UP POLICE TRAINING SYLLABUS](https://udtinews.com/wp-content/uploads/2023/06/r2.jpg)
मानवाधिकार- राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मानवाधिकार आयोग – कार्य एवं शक्तियां, मानवाधिकारों की अवधारणा एवं उसका महत्व, संवैधानिक प्रावधान व महत्वपूर्ण के केस लॉ, महबूबा बनाम राज्य द्वारा पुलिस अधीक्षक 2011 (74) एसईसी, खेडत मजदूर चेतन संगठन बनाम मध्य प्रदेश राज्य, मानवाधिकार के संरक्षण एवं संवर्धन में पुलिस की भूमिका,
पुलिस की उपसंस्कृति , पुलिस की बरसों पुरानी रूढ़ियां, पीड़ितों से दुर्व्यवहार, भ्रष्टाचार, खराब टर्नआउट, अवैध निरोध, प्रताड़ना व थर्ड डिग्री, पुलिस अभिरक्षा में हिंसा एवं बलात्कार, पुलिस हिरासत में मृत्यु, फर्जी मुठभेड़, पुलिस शक्तियों का दुरुपयोग, मानवाधिकार एवं अपराध पीड़ित परिवार, साक्षी, अभियुक्त से व्यवहार विषयक विभागीय निर्देशों के मुद्दे पर न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्णय, दिलीप कुमार बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य 1997 ( एसीसी 642 ),
जोगिंदर कुमार बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 1994 (सीआरएलजे 1981), समाज के कमजोर वर्गों के प्रति अत्याचार व उनके संरक्षण में पुलिस की भूमिका, शिकायतकर्ताओं एवं अपराध पीड़ितों, गिरफ्तार व्यक्तियों विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों के साथ व्यवहार के संबंध में विभागीय निर्देश और न्यायिक मार्गदर्शक बिंदु, गिरफ्तारी के समय अभियुक्त के अधिकार एवं हथकड़ियों के उपयोग के संबंध में विभागीय एवं माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए मार्गदर्शन, सुनील बत्रा बनाम दिल्ली प्रशासन 1980 सीआरएलजे 1099, सिटीजन फॉर डेमोक्रेसी असम राज्य 1995 एसीसी 743 इत्यादि।
इसे भी पढ़े –UP Police Bharti 2023 : बहुत जल्द 35000 पदों पर होगी यूपी पुलिस भर्ती
UP POLICE TRAINING SYLLABUS के अंतर्गत बाल सरंक्षण एवं लैंगिक संवेदनशीलता, पुलिस आचरण व्यवहार एवं संवाद कौशल
बाल सरंक्षण एवं लैंगिक संवेदनशीलता
लैंगिक संवेदनशीलता – लैंगिक संवेदनशीलता से आशय एवं उसका महत्व, महिलाओं तथा बच्चों के विरुद्ध अपराध एवं पुलिस की भूमिका, पुलिस का महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण व कानूनी दृष्टि से अपेक्षित व्यवहार, पुलिस थाना स्तर पर पीड़ित महिलाओं के प्रति पुलिस का आचरण एवं व्यवहार, विभिन्न अपराधों एवं अत्याचारों से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं से साक्षात्कार अर्थात पूछताछ की विधियां, महिला पुलिस एवं पुलिस कार्य में उनकी भूमिका तथा महिला पुलिसकर्मियों से व्यवहार, महिला अभियुक्तों की गिरफ्तारी के संबंध में विधिक प्रावधान, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न ( रोकथाम, प्रतिषेध एवं उपचार ) अधिनियम 2013,
![UP POLICE TRAINING SYLLABUS](https://udtinews.com/wp-content/uploads/2023/06/r3.jpg)
बाल अधिकार संरक्षण एवं संवेदनशीलता, बालकों के प्रति संवेदनशील व मित्रवत व्यवहार, बाल संरक्षण से संबंधित प्रमुख अधिनियम व नियमावली, बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005, किशोर न्याय ( बालकों की देखरेख व संरक्षण ) अधिनियम 2015, किशोर न्याय ( बालकों की देखरेख व संरक्षण ) मॉडल नियम 2016, संपूर्ण बहरा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया रिट याचिका संख्या 473/2005, ऑपरेशन स्माइल एक केस स्टडी इत्यादि।
पुलिस आचरण व्यवहार एवं संवाद कौशल
पुलिस आचरण- पुलिस आचरण- पुलिस आचरण के सिद्धांत, पूर्वाग्रह, रूढ़िवादिता एवं पक्षपात, पुलिस आचरण के सिद्धांत, एक अच्छे पुलिस अफसर के गुण एवं विशेषताएं, कर्तव्य के समय आक्रामकता एवं क्रोध नियंत्रण, पूर्वाग्रह, रूढ़िवादिता, पक्षपात, पुलिस मनोवृति – जन्मोन्मुखता, सेवान्मुखता एवं व्यवसायिक्ता, पुलिस मनोवृति, जन्मोन्मुखता, सेवान्मुखता, व्यवसायिक्ता, पुलिस छवि एवं इसे सुधारने के उपाय, सामाजिक संवेदना निर्माण, पुलिस कार्य में नैतिकता, पुलिस का जनप्रतिनिधियों के साथ व्यवहार,
बीट ड्यूटी के समय व अन्य अवसरों पर नागरिक/ जनता के साथ व्यवहार, बुद्धिजीवी मजिस्ट्रेट, वकील एवं जेल स्टाफ के साथ व्यवहार, पत्रकारों के साथ व्यवहार, छात्रों एवं युवा वर्ग के साथ व्यवहार, गवाहों के साथ व्यवहार, अपराधियों के साथ व्यवहार, विवाद के समय व्यवहार, दुराचारी के साथ व्यवहार, पुलिस थाने पर शिकायतकर्ता के साथ व्यवहार, यातायात उल्लंघन करने वालों के साथ व्यवहार,
मजदूरों के साथ व्यवहार, अपरिपक्व तथा दिव्यांग एवं असहाय व्यक्तियों के साथ व्यवहार, पुलिस का पर्यटकों से सहयोगात्मक/ मधुर व्यवहार, आवश्यकता एवं महत्व, पुलिस का महिलाओं एवं बच्चों के साथ व्यवहार, वरिष्ठ नागरिकों के साथ व्यवहार, होमगार्ड एवं ग्राम चौकीदारों के साथ व्यवहार, मृतकों / अज्ञात शवों के प्रति सम्मान का आचरण, पुलिस का एनजीओ से संबंध एवं तालमेल, कम्युनिटी पुलिसिंग (सामुदायिक पुलिसिंग) आवश्यकता एवं महत्व, लोक व्यवहार की कला इत्यादि।
UP POLICE TRAINING SYLLABUS के अंतर्गत संवाद एवं अन्य कौशल विकास
संवाद एवं अन्य कौशल विकास- अवलोकन कौशल, संवाद बोलने का कौशल, प्रेरणा एवं प्रेरणा कौशल, श्रवण कौशल, लेखन कौशल/ पुलिस में उपयोग की जाने वाली सामान्य शब्दावली, समय प्रबंधन ,तनाव प्रबंधन, टीम भावना प्रबंधन इत्यादि।
UP POLICE TRAINING SYLLABUS के पंचम प्रश्न पत्र की विषयवस्तु निम्न है –
प्रश्न पत्र पंचम- अपराध विधि भारतीय दंड संहिता 1860,दंड प्रक्रिया संहिता 1973, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 इत्यादि।
पुलिस से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए पढ़े –जुलाई में आ रही हैं UP पुलिस 35700 भर्ती